हिंसा में हुई 4 लोगों की मौत
जानकारी के अनुासर हल्द्वानी में चल रही इस हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं इसमें लगभग 300 लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है। हिंसा को बढ़ता देख DM वंदना सिंह ने वनभूलपुरा में कर्फ्यू लगा दिया है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। इस हिंसा के चलते आज (9 फरवरी) को सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है।
शहर में बंद किया गया इंटरनेट
बढ़ती हिंसा और अफवाहों को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे शहर में गुरुवार रात से ही इंटरनेट को बंद करवा दिया गया है। हिंसा को जल्द से जल्द बंद करने के लिए हल्द्वानी एसडीएम पारितोष वर्मा, कालाढूंगी एसडीएम रेखा कोहली, तहसीलदार सचिन कुमार, सीओ स्पेशल ऑपरेशन नितिन लोहनी समेत अन्य लगभग 200 पुलिसकर्मी शामिल हैं। वहीं सुरक्षा के लिहाज से पैरामिलिट्री की 4 और PAC की 2 कंपनियां तैनात की गई हैं।
सीएम का सामने आया बयान
हल्द्वानी हिंसा पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया, “हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में, प्रशासन की एक टीम कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए गई थी। वहां असामाजिक तत्वों ने पुलिस के साथ विवाद किया कुछ पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों को चोटें आईं। पुलिस और केंद्रीय बलों की अतिरिक्त कंपनियां वहां भेजी जा रही हैं। हमने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है, कर्फ्यू लगा हुआ है। आगजनी करने वाले दंगाइयों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
क्यों शुरू हुई हिंसा ?
हल्द्वानी में भड़की हिंसा के शुरु होने का कारण, राज्य में चल रहा अतिक्रमण अभियान है। दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की सरकारी जमीनों पर बने अवैध अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए हुए हैं। इसी बीच बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे और नमाज स्थल को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया गया। इसके बाद आसपास रहने वाले तमाम कथित अराजक तत्वों ने पुलिस और प्रशासन के ऊपर पथराव कर दिया। जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, इस दौरान वहां मौजूद कई पत्रकारों को भी चोटें आई हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अवैध हथियारों से पुलिस पर फायरिंग भी की गई है। वहीं अब इस पूरा मामले को जल्द शांत करने की कोशिश की जा रही है।